मुंबई : आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) के निदेशक मंडल ने बैंक की प्रबंध निदेशक और सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच के आदेश दिए हैं. कोचर पर कुछ कर्जदारों के साथ 'हितों के टकराव' और 'एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने' के आरोप हैं. कोचर और उनके परिवार पर वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज के मामले में एक-दूसरे को फायदा पहुंचाने का आरोप है. आरोप है कि कर्ज के बदले वीडियोकॉन समूह ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबल में निवेश किया था.
स्वतंत्र जांच का आदेश दिया
बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि अज्ञात 'व्हिस्ल ब्लोअर' की ओर से कोचर के खिलाफ की गई शिकायत पर बैंक के निदेशक मंडल ने स्वतंत्र जांच का आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि जांच किसी स्वतंत्र और विश्वनीय व्यक्ति के नेतृत्व में होगी. जांच का दायरा विस्तृत होगा और जांच के दौरान सामने आए सभी तथ्यों और संबंधित मामलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. इसमें फॉरेंसिक और ई-मेल की समीक्षा और संबंधित व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं.
शेयर बाजार बंद होने के बाद आई सूचना
कंपनी की यह नियामकीय सूचना शेयर बाजार बंद होने के बाद आई है. इसमें आगे कहा गया है कि जांच के दौरान सामने आए सभी 'संबंधित मामलों' को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि मामले का अंतिम तौर पर निपटारा हो सके. बैंक की व्हिस्ल ब्लोअर नीति को ध्यान में रखते हुए निदेशक मंडल ने ऑडिट समिति को मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र एवं विश्वसनीय व्यक्ति का नियुक्ति करने का अधिकार दिया. साथ ही ऑडिट समिति संदर्भ की शर्तें और समय अवधि भी तय करेगी.
Source:-Zeenews
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स्वतंत्र जांच का आदेश दिया
बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि अज्ञात 'व्हिस्ल ब्लोअर' की ओर से कोचर के खिलाफ की गई शिकायत पर बैंक के निदेशक मंडल ने स्वतंत्र जांच का आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि जांच किसी स्वतंत्र और विश्वनीय व्यक्ति के नेतृत्व में होगी. जांच का दायरा विस्तृत होगा और जांच के दौरान सामने आए सभी तथ्यों और संबंधित मामलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा. इसमें फॉरेंसिक और ई-मेल की समीक्षा और संबंधित व्यक्तियों के बयान भी दर्ज किए जा सकते हैं.
शेयर बाजार बंद होने के बाद आई सूचना
कंपनी की यह नियामकीय सूचना शेयर बाजार बंद होने के बाद आई है. इसमें आगे कहा गया है कि जांच के दौरान सामने आए सभी 'संबंधित मामलों' को इसमें शामिल किया जाएगा ताकि मामले का अंतिम तौर पर निपटारा हो सके. बैंक की व्हिस्ल ब्लोअर नीति को ध्यान में रखते हुए निदेशक मंडल ने ऑडिट समिति को मामले की जांच करने के लिए स्वतंत्र एवं विश्वसनीय व्यक्ति का नियुक्ति करने का अधिकार दिया. साथ ही ऑडिट समिति संदर्भ की शर्तें और समय अवधि भी तय करेगी.
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