प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने पर्यटन के क्षेत्र
में सहयोग को मजबूत करने के लिए भारत और कोरिया के मध्य समझौता ज्ञापन
(एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की मंजूरी दी है।
इस समझौता ज्ञापन के मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं-
ए. पर्यटन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग का विस्तार करना।
बी. पर्यटन से संबंधित जानकारी और डाटा के आदान-प्रदान को बढ़ाना।
सी. होटलों और टूर ऑपरेटर्स सहित पर्यटन हितधारकों के मध्य सहयोग को प्रोत्साहन देना।
डी. मानव संसाधन विकास में सहयोग के लिए आदान-प्रदान कार्यक्रमों को स्थापित करना।
ई. पर्यटन और आतिथ्य सत्कार क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना।
एफ. दोतरफा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए टूर ऑपरेटरों/मीडिया/जनमत निर्माताओं की यात्राओं का आदान-प्रदान।
जी. संवर्धन, विपणन गंतव्य विकास और प्रबंधन के क्षेत्रों में अनुभव का आदान-प्रदान करना।
एच. एक-दूसरे के देश में यात्रा मेलों/प्रदर्शनियों में भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
आई. सुरक्षित, सम्मानित और सतत पर्यटन को बढ़ावा देना।
पृष्ठभूमि-
भारत और कोरिया के मध्य मजबूत राजनयिक और दीर्घकालीन आर्थिक संबंध मौजूद
हैं। दोनों पक्ष अब पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग को और अधिक सुदृढ़ बनाने
के लिए मौजूदा संबंधों को ज्यादा मजबूत तथा विकसित करना चाहते हैं। कोरिया, पूर्व
एशिया से भारत के लिए शीर्ष पर्यटक जुटाने वाले बाजारों में से एक देश है।
कोरिया के साथ इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने से इस संसाधन बाजार से
भारत में पर्यटकों का आगमन बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
प्रधानमंत्री
श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल को रूस के साथ
05 अक्टूबर, 2018 को हस्ताक्षर किए गए समझौता ज्ञापन (एमओयू) तथा एक सहयोग
ज्ञापन (एमओसी) की जानकारी दी गई।
i. परिवहन शिक्षा में सहयोग विकास के लिए रूसी संघ के परिवहन मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन।
ii. रेलवे के क्षेत्र में तकनीकी सहयोग पर संयुक्त स्टॉक कंपनी ‘रूसी रेलवे’ (आरजेडडी) के साथ सहयोग ज्ञापन।
एमओयू
/ एमओसी भारतीय रेल को रेल क्षेत्र में नवीनतम विकास और ज्ञान साझा करने
का मंच प्रदान करते हैं। एमओयू / एमओसी विशेष प्रौद्योगिकी क्षेत्रों पर
फोकस करने वाले तकनीकी विशेषज्ञों, रिपोर्टों तथा तकनीकी दस्तावेजों,
प्रशिक्षण और संगोष्ठियों / कार्यशालाओं का आदान-प्रदान करने तथा ज्ञान
साझा करने में सहायता देते हैं।
एमओयू
में परिवहन शिक्षा के विकास के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में सहयोग
का प्रावधान है। समझौता ज्ञापन व्यापार-आर्थिक, वैज्ञानिक-तकनीकी तथा
सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी रूसी – भारतीय आयोग के ढांचे में
क्रियान्वयन सहित विशेष प्रस्तावों की तैयारी में सहायता देगा।
एमओसी निम्नलिखित क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग में सहायता देगा
ए.
यात्री गाड़ियों की गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटे (सेमी हाई स्पीड) बढाने के
लिए नागपुर-सिकंदराबाद सेक्शन के उन्नयन के लिए परियोजना को लागू करना।
इसमें भारतीय रेल नेटवर्क के अन्य निर्देशों सहित सेक्शन का संभावित
विस्तार शामिल है।
बी.
क्षेत्रीय स्तर, मंडलीय रेल तथा / या तथा जोनल रेलवे को जोड़ने वाले ऊपरी
नेटवर्क स्तर पर मिले-जुले यातायात के प्रबंधन के लिए एकल ट्रैफिक नियंत्रण
केन्द्र लागू करना।
सी. विशिष्ट निर्माण, संयुक्त निर्माण का संगठन तथा स्पर्धी सिग्नलिंग और इंटर-लॉकिंग प्रणाली को लागू करना।
डी. सेमी हाई स्पीड तथा इससे ऊपर के लिए टर्नआऊट स्वीचों की आपूर्ति और एकत्रीकरण।
ई.
रूसी रेल से जुड़े उच्च शिक्षा प्रतिष्ठानों की भागीदारी के साथ भारतीय
रेल के कर्मचारियों की प्रशिक्षण तथा एडवांस योग्यता सुधार।
एफ. माल ढुलाई कार्गो संचालन में श्रेष्ठ व्यवहार तथा
जी. भारत में मल्टी मॉडल टर्मिनलों का संयुक्त विकास।
पृष्ठभूमि
भारतीय
रेल ने विभिन्न विदेशी सरकारों तथा राष्ट्रीय रेलवे के साथ रेल क्षेत्र
में तकनीकी सहयोग के लिए एमओयू / एमओसी पर हस्ताक्षर किए हैं। सहयोग के
चिन्हित क्षेत्रों में उच्च गति की रेलगाड़ी, वर्तमान मार्गों की गति
बढ़ाना, विश्व स्तरीय स्टेशनों का विकास, भारी परिवहन संचालन रेल ढांचे का
आधुनिकीकरण शामिल है। यह सहयोग रेलवे टेक्नोलॉजी तथा संचालन ज्ञान का
आदान-प्रदान, तकनीकी यात्राओं, प्रशिक्षण तथा संगोष्ठियों और कार्यशालाओं
के माध्यम से परस्पर हित के क्षेत्रों में किया जाता है।
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