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Thursday, 19 April 2018

टैक्स छूट पाने के लिए ITR में दी गलत जानकारी, तो होगी कार्रवाई

आयकर विभाग ने वेतनभोगी कर्मचारियों को इनकम टैक्स रिटर्न सावधानी से भरने की हिदायत दी है. विभाग ने कहा है कि गलत आईटीआर भरने वालों के ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. यही नहीं, ऐसे लोगों के ख‍िलाफ नियोक्ताओं को भी कार्रवाई करने के लिए कहा जाएगा.

विभाग ने यह चेतावनी जारी करते हुए कहा है क‍ि अपने आयकर रिटर्न   में अपनी आय कम और कटौती को बढ़ा-चढ़ाकर न बताएं. अगर आप ये हथकंडे अपनाते हैं, तो आयकर विभाग के पास सही आय का पता लगाने के कई तरीके हैं. ऐसे हथकंडे अपनाकर आप मुसीबत में फंस सकते हैं.

विभाग के बेंगलुरु स्थित केंद्रीय प्रसंस्करण केंद्र (सीपीसी) ने इस संबंध में परामर्श जारी कर दिया है. इसमें साफ कहा गया है कि आईटीआर में अगर आाप गलत जानकारी भर कर अवैध लाभ लेने की कोश‍िश कर रहे हैं, तो ऐसा कतई न करें. आयकर विभाग ने कहा है कि ऐसी सलाह देने वाले सलाहकारों के चक्कर में न पड़ें.

बता दें कि आईटीआर रिटर्न भरने के लिए आपके पास 31 जुलाई तक का वक्त है. इससे पहले बुधवार को आयकर विभाग ने अपने कर्मचारियों को टैक्सपेयर्स के साथ नरमी बरतने का भी आदेश दिया.

आयकर विभाग ने अपने कर्मचारियों को यह आदेश उन श‍िकायतों के बाद भेजा था, जिनमें कहा आयकर विभाग के अध‍िकारियों के ख‍िलाफ दुर्व्यवहार करने की श‍िकायतें आई थीं.


Source:-Aajtak

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Tuesday, 28 March 2017

CBIC का नया नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स होगा

नई दिल्लीः पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के मद्देनजर अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ एंड एक्साइज कस्टम्स यानी सीबीईसी का नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स यानी (सीबीआईसी) होगा. सरकार की योजना पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने की है. नया बोर्ड पूरे देश में जहां इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था पर नजर रखेगा, वहीं सरकार को जीएसटी से जुड़े कायदे-कानून बनाने में भी मदद करेगा. इसके अलावा आयात-निर्यात की सूरत में कस्टम ड्यूटी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर सेंट्रल एक्साइज लगाने का जिम्मा भी नए बोर्ड का होगा.

नयी व्यवस्था में 21 जोन और 101 जीएसटी टैक्स पेयर सर्विसेज कमिश्नरेट होंगे. इसके तहत 15 सब-कमिश्नरेट, 768 डिविडन, 3969 रेंजेंस, 49 ऑडिट कमिश्नरेंट्स और 50 अपीलेट कमीशनरेट्स होंगे. देशव्यापी स्तर पर फैली इस व्यवस्था का मकसद टैक्स देने वालों को हर तरह की सहूलियत मुहैया कराना है.

जीएसटी की तहत सूचना तकनीक की व्यवस्था को और मजबूत बाने के मकसद से डायरक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स को और मजबूत बनाया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशिक्षण के लिए मौजूदा संगठन का नया नाम नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नॉरकोटिक्स होगा. इसकी मौजूदगी पूरे देश में होगी. इसी तरह डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का नाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होगा. सरकार इस नए तंत्र के जरिए काले धन के खिलाफ मुहिम में और तेजी लाना चाहती है.

अब सबके मन में सवाल है कि जीएसटी के तहत टैक्स की दर क्या होगी. वैसे तो अधिकारियों का एक समूह इस काम में लगा है लेकिन अभी तक जो खाका खींचा गया है, उसके मुताबिक जीएसटी की चार दरें – 5, 12. 18 और 28 फीसदी- होगी. इसके मुताबिक

Source:-Abpnews
Viewmore:-नई दिल्लीः पूरे देश को एक बाजार बनाने वाली व्यवस्था वस्तु व सेवा कर यानी जीएसटी के मद्देनजर अब सेंट्रल बोर्ड ऑफ एंड एक्साइज कस्टम्स यानी सीबीईसी का नाम सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स यानी (सीबीआईसी) होगा. सरकार की योजना पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने की है. नया बोर्ड पूरे देश में जहां इनडायरेक्ट टैक्स व्यवस्था पर नजर रखेगा, वहीं सरकार को जीएसटी से जुड़े कायदे-कानून बनाने में भी मदद करेगा. इसके अलावा आयात-निर्यात की सूरत में कस्टम ड्यूटी और पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर सेंट्रल एक्साइज लगाने का जिम्मा भी नए बोर्ड का होगा.

नयी व्यवस्था में 21 जोन और 101 जीएसटी टैक्स पेयर सर्विसेज कमिश्नरेट होंगे. इसके तहत 15 सब-कमिश्नरेट, 768 डिविडन, 3969 रेंजेंस, 49 ऑडिट कमिश्नरेंट्स और 50 अपीलेट कमीशनरेट्स होंगे. देशव्यापी स्तर पर फैली इस व्यवस्था का मकसद टैक्स देने वालों को हर तरह की सहूलियत मुहैया कराना है.

जीएसटी की तहत सूचना तकनीक की व्यवस्था को और मजबूत बाने के मकसद से डायरक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स को और मजबूत बनाया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशिक्षण के लिए मौजूदा संगठन का नया नाम नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नॉरकोटिक्स होगा. इसकी मौजूदगी पूरे देश में होगी. इसी तरह डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का नाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होगा. सरकार इस नए तंत्र के जरिए काले धन के खिलाफ मुहिम में और तेजी लाना चाहती है.

अब सबके मन में सवाल है कि जीएसटी के तहत टैक्स की दर क्या होगी. वैसे तो अधिकारियों का एक समूह इस काम में लगा है लेकिन अभी तक जो खाका खींचा गया है, उसके मुताबिक जीएसटी की चार दरें – 5, 12. 18 और 28 फीसदी- होगी. इसके मुताबिक

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नयी व्यवस्था में 21 जोन और 101 जीएसटी टैक्स पेयर सर्विसेज कमिश्नरेट होंगे. इसके तहत 15 सब-कमिश्नरेट, 768 डिविडन, 3969 रेंजेंस, 49 ऑडिट कमिश्नरेंट्स और 50 अपीलेट कमीशनरेट्स होंगे. देशव्यापी स्तर पर फैली इस व्यवस्था का मकसद टैक्स देने वालों को हर तरह की सहूलियत मुहैया कराना है.

जीएसटी की तहत सूचना तकनीक की व्यवस्था को और मजबूत बाने के मकसद से डायरक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स को और मजबूत बनाया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशिक्षण के लिए मौजूदा संगठन का नया नाम नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नॉरकोटिक्स होगा. इसकी मौजूदगी पूरे देश में होगी. इसी तरह डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का नाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होगा. सरकार इस नए तंत्र के जरिए काले धन के खिलाफ मुहिम में और तेजी लाना चाहती है.

अब सबके मन में सवाल है कि जीएसटी के तहत टैक्स की दर क्या होगी. वैसे तो अधिकारियों का एक समूह इस काम में लगा है लेकिन अभी तक जो खाका खींचा गया है, उसके मुताबिक जीएसटी की चार दरें – 5, 12. 18 और 28 फीसदी- होगी. इसके मुताबिक

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नयी व्यवस्था में 21 जोन और 101 जीएसटी टैक्स पेयर सर्विसेज कमिश्नरेट होंगे. इसके तहत 15 सब-कमिश्नरेट, 768 डिविडन, 3969 रेंजेंस, 49 ऑडिट कमिश्नरेंट्स और 50 अपीलेट कमीशनरेट्स होंगे. देशव्यापी स्तर पर फैली इस व्यवस्था का मकसद टैक्स देने वालों को हर तरह की सहूलियत मुहैया कराना है.

जीएसटी की तहत सूचना तकनीक की व्यवस्था को और मजबूत बाने के मकसद से डायरक्टरेट जनरल ऑफ सिस्टम्स को और मजबूत बनाया जा रहा है. दूसरी ओर प्रशिक्षण के लिए मौजूदा संगठन का नया नाम नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नॉरकोटिक्स होगा. इसकी मौजूदगी पूरे देश में होगी. इसी तरह डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस का नाम डायरेक्टरेट जनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स होगा. सरकार इस नए तंत्र के जरिए काले धन के खिलाफ मुहिम में और तेजी लाना चाहती है.

अब सबके मन में सवाल है कि जीएसटी के तहत टैक्स की दर क्या होगी. वैसे तो अधिकारियों का एक समूह इस काम में लगा है लेकिन अभी तक जो खाका खींचा गया है, उसके मुताबिक जीएसटी की चार दरें – 5, 12. 18 और 28 फीसदी- होगी. इसके मुताबिक

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